Thursday, November 18, 2010

ललित पाकॆ और आदशॆ सोसाइटी

एक ऐसा समाज जहां ललित पाकॆ जैसी जगहों पर बने हुए घर हैं, जिनमें एक मकान में मधुमक्खी के छत्तों की तरह बने हुए कमरों में ६०-७० परिवारों के लगभग ३०० लोग रहते हैं। दूसरी तरफ, ऐसी आदशॆ सोसाइटियां हैं जहां अरबों रुपये की कीमत के फ्लैटों में बमुश्किल २०० लोग रहते हों। कोढ़ में खाज यह कि देश के शीषॆस्थ पदों पर काबिज लोगों ने गड़बड़झाला करके जरूरतमंदों के हाथ से छीनकर हथिया लिया हो।
जहां आदशॆ सोसाइटी में एक फ्लैट की कीमत ८५ लाख (असलियत में ८.५ करोड़, जैसा कि बताया जा रहा है) की कीमत वाले १०३ फ्लैट हैं, तो ललित पाकॆ स्थित लगभग २० से ३० लाख के एक मकान में रहने वाले ३०० लोग रहते थे, जिनमें से लगभग ७० लोग इस मकान के साथ जमींदोज हो चुके हैं।
ऐसे में इस मांग को शायद ही कोई गंभीरता से ले, लेकिन इसमें हजॆ भी क्या है। क्यों न ललित पाकॆ के लपीड़ितों को आदशॆ सोसाइटी के प्लैट ही राहत राशि के रूप में दे दिए जाएं।