Sunday, June 28, 2009

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद ने लुटाए 14 करोड़

मोहित पाराशर

भले ही जनता बिजली के लिए सड़कों पर उतरने पर आमादा है। लेकिन देश के माननीय बिजली पर जनता के करोड़ों रुपए लुटा रहे हैं। बीते साल राष्ट्रपति भन, प्रधानमंत्री के आधिकारिक आास और संस का बिजली का कुल बिल करीब 14 करोड़ रुपए रहा। सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि संस से 2008 में 6.25 करोड़ रुपए बिजली के बिल का भुगतान किया गया। वहीं, राष्ट्रपति भन का बिल 6.70 करोड़ रुपए रहा। इसके बा प्रधानमंत्री आास आता है जहां जनरी से सिंबर 2008 के बीच बिजली के बिल का 50.35 लाख रुपए भुगतान किया गया।
लिचस्प रूप से, राष्ट्रपति भन और प्रधानमंत्री कार्यालय का बिजली का बिल बीते तीन वर्षो में सबसे अधिक रहा। मुंबई के निासी आरटीआई ओक चेतन कोठारी ने कहा कि तुलनात्मक रूप से यह बीते तीन र्ष में आ किए गए कुल बिलों का आधा है। उन्होंने बीते चार र्ष में बिजली की यूनिट में हुई खपत और बिजली के लिए खर्च की गई राशि तथा आपातकालीन बिजली कटौती की स्थिति में उपलब्ध प्राधानों से जुड़ी जानकारी चाही थी।
प्रधानमंत्री आास का 2005 में पूरे साल का बिल 7.48 लाख, 2006 में 15.16 लाख और 2007 में 12.39 लाख रुपए रहा था। र्ष 2005 में राष्ट्रपति भन का बिल 3.20 करोड़ रुपए, 2006 में चार करोड़ और 2007 में 4.34 करोड़ रुपए रहा। इसमें धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हुई और र्ष 2008 में यह छह करोड़ रुपए से अधिक हो गया। जाब के मुताबिक प्रधानमंत्री के आास और कार्यालय के लिए पृथक मीटर नहीं है। राष्ट्रपति भन के बिल में प्रेसीडेंट एस्टेट का बिल भी शामिल है। संस के बिल में संस भन, पुस्तकालय की इमारत और एनेक्सी का बिल शामिल है।

1 comment:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

mantrion, saansadon, aur vidhaykon tatha afsaron ke kharch dekh lenge to hosh ud jaayenge.